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संदेश: उपन्यास एवं कहानी संग्रह

संदेश: उपन्यास एवं कहानी संग्रह

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किताब के बारे में

जीवन के सबसे गहन अंधेरे पल में क्या होता है जब एक रहस्यमय 'संदेश' जीवन की दिशा हमेशा के लिए बदल दे? 'संदेश' आत्मखोज, आध्यात्मिक सत्य और इतिहास की गहराइयों में उतरने वाला एक ऐसा ही उपन्यास है।

'संदेश' की मुख्य पात्र जीवन की जटिलताओं से घिरी है। एक निर्णायक क्षण में, उसे अपने जीवन को पूरी तरह से नए सिरे से देखने का अवसर मिलता है। वह अपनी सबसे बड़ी कमजोरियों से जूझते हुए ना सिर्फ खुद को पाती है, बल्कि उन प्राचीन और शाश्वत सत्यों से भी टकराती है, जिनसे हम अक्सर अनजान रह जाते हैं।

इसी पुस्तक में पाँच अन्य कहानियों का संग्रह इस यात्रा को और भी विविध बनाता है: रामायण के तीन पात्रों की दृष्टि से उस समय घटी अनदेखी घटनाओं का एक अनोखा और विचारोत्तेजक पुनरावलोकन; एक पत्रकार की रोमांचक खोजी पड़ताल जो बताती है कि सतह पर दिखने वाली साधारण चीज़ों के पीछे भी कितने गहरे राज़ छिपे हो सकते हैं; पीले दुपट्टे के संग शुरू हुई एक यात्रा जो अपनी सहज भाषा के साथ जीवन में गहरे उतर जाती है; दो बुज़ुर्ग पात्रों के प्रेम, समर्पण और निःस्वार्थ परवाह से भरे जीवन की कोमल और भावनात्मक यात्रा; और सबसे अंत में: सिर्फ़ अड़तीस शब्दों में रिश्तों का सबसे मुश्किल और मार्मिक पक्ष।

यह संग्रह साधारण पलों में छिपी असाधारण सच्चाइयों का एक उत्सव है, जो पाठकों को अपने रिश्तों, जीवन के उद्देश्य और मानवीय मन पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करता है।  क्या आप  इस रहस्यमयी 'संदेश' को सुनने के लिए तैयार हैं?

लेखक के बारे में

अनिमेष अनंत का लेखन किसी सोची-समझी यात्रा का परिणाम नहीं, बल्कि जीवन की विभिन्न राहों से गुजरते हुए संचित अनुभवों की सहज अभिव्यक्ति है। पेशे से मेकेनिकल इंजीनियर और कई वर्षों तक उसी क्षेत्र में कार्यरत रहे अनिमेष बाद में नौकरी छोड़कर सॉफ्टवेयर और वेबसाइट की दुनिया में भी सक्रिय रहे और बाद में शेयर बाज़ार की चुनौती पूर्ण दुनिया को अपनाया।

इन उतार-चढ़ावों के बीच भी शब्दों और विचारों से उनका रिश्ता कभी टूटा नहीं। संख्याओं और तर्क से भरे इस संसार के समानांतर, वे हमेशा शब्दों और विचारों के साथ एक निजी संवाद करते रहे।

औपचारिक रूप से उन्होंने कभी लेखन नहीं किया, न ही साहित्यिक मंचों पर स्वयं को प्रस्तुत किया। सोशल मीडिया और अपनी वेबसाइट www.raagbhopali.com पर उन्होंने अलग-अलग मुद्दों पर लिखा – कभी गंभीर, कभी हल्का-फुल्का, और कभी एकदम दिल से निकली बात। वहीं से धीरे-धीरे कहानियों का रंग चढ़ा और अब ये उनकी पहली किताब के रूप में सामने है।

उनके लेखन की विशेषता यह है कि वे रोज़मर्रा की ज़िंदगी, रिश्तों और समाज को एक अलग कोण से देखने का साहस रखते हैं। उनके पात्र साधारण दिखते हैं, लेकिन भीतर गहरे द्वंद्व और अनकही कहानियों से भरे हुए हैं। अनिमेष की शैली में कहीं हल्की-सी दार्शनिक गहराई है, तो कहीं एक सहज, सीधी और आत्मीय भाषा, जो पाठक से सीधे संवाद करती है।

यह किताब एक उपन्यास और पाँच कहानियों के संगम के साथ – उनकी लेखन-यात्रा का प्रारंभ है, जहाँ जीवन और कल्पना मिलकर नए संसार रचते हैं।

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